देहरादून
आज सुबह के शुरुआती घंटों में लगभग 05:00 बजे, पाकिस्तानी सेना ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार कर पंजाब के अमृतसर की ओर कई बायकर YIHA III कामिकाज़े ड्रोन भेजे। इन ड्रोन का उद्देश्य घनी आबादी वाले रिहायशी क्षेत्रों पर हमला करना था, जो कि एक निंदनीय और उकसावेपूर्ण कार्रवाई थी। हालाँकि, भारतीय सेना की एयर डिफेन्स (एएडी) की सतर्कता और तेज़ प्रतिक्रिया के चलते, इन दुश्मन ड्रोन को भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करते ही कुछ ही सेकंडों में पता लगाया गया, ट्रैक किया गया और नष्ट कर दिया गया।
सीमा क्षेत्र में गहराई तक तैनात त्वरित-प्रतिक्रिया वायु रक्षा तोपों का उपयोग करते हुए, एएडी गनर्स ने इन ड्रोन को हवा में ही मार गिराया। इससे यह सुनिश्चित हुआ कि ड्रोन का कोई भी मलबा नागरिक संपत्तियों पर न गिरे और कोई जनहानि न हो। प्रारंभिक विश्लेषण से संकेत मिलता है कि इन ड्रोन में उच्च-विस्फोटक सामग्री थी, जिसका उद्देश्य निर्दोष नागरिकों को अधिकतम नुकसान पहुँचाना था — जो कि पाकिस्तान से चल रही तनातनी में एक नई और निंदनीय गिरावट है।
इस खतरे को तुरंत निष्क्रिय करना भारत की बहुस्तरीय एयर डिफेन्स की प्रभावशीलता को दर्शाता है, जो ज़मीनी रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर और स्वचालित कमांड-एंड-कंट्रोल सिस्टम्स के साथ एकीकृत है।